Monday 16 November 2015

♥लौ ...♥

♥♥♥♥♥♥♥लौ ...♥♥♥♥♥♥♥♥♥
कोई लौ बनके तुम उजाला करो। 
न ही नफरत से रंग काला करो। 

सारी दुनिया को याद आओगे,
काम ऐसा जरा निराला करो। 

जी रहे जिसमें वो ही पल जीवन,
काम कल पर न कोई टाला करो। 

जिंदगी खुद की बस, नहीं होती,
फ़र्ज़ भी सबका तुम संभाला करो। 

"देव " हर धर्म से जो पावन हैं,
फूल इंसानियत के पाला करो। "

........चेतन रामकिशन "देव"…… 
दिनांक-१६.११.२०१५ 
" सर्वाधिकार C/R सुरक्षित। "  

1 comment:

Rishabh Shukla said...


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