Friday 13 December 2013

♥♥होंसले का दीया..♥♥

♥♥♥♥होंसले का दीया..♥♥♥♥
जिंदगानी में गम समाया है!
दिल मगर फिर भी मुस्कुराया है!

जब भी घेरा मुझे अँधेरे ने,
होंसले का दीया जलाया है!

उसको बख्शी हैं बस दुआ मैंने,
दिल मेरा जिसने भी दुखाया है!

जीतने का जूनून है दिल को,
मैंने किस्मत को आजमाया है!

दिल मेरा दमके मोतियों की तरह, 
मैंने दुःख में इसे तपाया है!

न पड़ेगी नजर ज़माने की,
तुझको पलकों में जो छुपाया है!

"देव" दिल को सुकून है जब से,
दोस्त बिछड़ा जो लौट आया है!"

....चेतन रामकिशन "देव"…..
दिनांक-१३.१२.२०१३