Tuesday 4 December 2012

♥♥जिंदगी..♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥जिंदगी..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
जब भी आंसू मेरी आँखों से छलक आया है!
जिंदगी तूने मुझे सीने से लगाया है!

रात हो कितनी भी गहरी यहाँ मेरे यारों,
हर सुबह फिर से उजाले का जिक्र आया है!

वो मुझे उम्र भर हरगिज़ भुला नहीं सकता,
जिसने एक रोज मुझे रूह में वसाया है!

जिंदगी में कभी गिरने से नहीं डरना तुम,
ठोकरों ने ही मुझे चलना फिर सिखाया है!

उसके ही नाम को रखती है याद ये दुनिया,
"देव" जिस शख्स ने, पत्थर में गुल खिलाया है!"

................चेतन रामकिशन "देव"...................










♥मधुरिमा .♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥मधुरिमा .♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
मधुरिका हो, मधुरिमा हो, तुम पूनम की धवल निशा हो!
तुम ही मेरी सहयोगी हो, तुम जीवन की सही दिशा हो!

तुम वीणा की मधुर ध्वनि हो, तुम भावुक हो, तुम्ही सजल हो!
तुम हो इत्र चमेली जैसा, तुम मोहक हो, तुम्ही कमल हो!
तुमसे मिलकर मेरा जीवन, इन्द्रधनुष के रंग रंगा है,
तुम पावन हो पूजा जैसी, तुम निश्चल हो, तुम्ही सरल हो!

तुम ही मेरा जीवन दर्शन, तुम ही मेरी जिजीविषा हो!
मधुरिका हो, मधुरिमा हो, तुम पूनम की धवल निशा हो!"

........................चेतन रामकिशन "देव"........................