Friday 12 October 2012


♥♥♥♥♥♥♥मन की उड़ान.♥♥♥♥♥♥♥♥♥
कुछ करने की मन में जरा उड़ान तो भरो!
सच्चाई से हासिल कोई मुकाम तो करो!

जीने को तो जीते हैं, करोड़ों यहाँ मगर,
जो भीड़ में चमके, जरा वो नाम तो करो!

नफरत से रंज बढ़ता है, बढती है दूरियां,
लोगों के दिल में, प्यार का पैगाम तो भरो!

इस मुल्क को जो दे गए, आजादी का तोहफा,
उनको जरा अदब से तुम, सलाम तो करो!

एक दिन तुम्हारे क़दमों पे, चलेगा ये जहाँ,
पर "देव" कोई यादगार, काम तो करो!"
..........चेतन रामकिशन "देव"...........