Monday 25 June 2012

♥प्रेम की अनुभूति.♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥प्रेम की अनुभूति.♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
मीलों दूर हो मुझसे लेकिन, तुम साया बनकर रहती हो!
तुम मेरे सपनों में आकर, प्यार भरी बातें कहती हो!

तेरे प्रेम की अनुभूति तो, वायु में भी घुली-मिली है!
तेरे आने से जीवन की बगिया में हर कली खिली है!

मुझको कोई चोट लगे तो, तुम मेरी पीड़ा सहती हो!
मीलों दूर हो मुझसे लेकिन , तुम साया बनकर रहती हो!"

....................चेतन रामकिशन "देव"........................