Saturday 16 June 2012

♥चिंतन.♥♥

♥♥♥♥♥चिंतन.♥♥♥♥♥
मिथ्या के संवाद करो न,
मानवता बरबाद करो न,
अपने दुख को सहना सीखो,
दुनिया से फरियाद करो न!

मृत्यु तो आयेगी इक दिन,
मृत्यु से भय करना छोड़ो!
कमज़ोर से लूट-पाट कर,
अपने कोष को भरना छोड़ो!

अपनों से परिवाद करो न!
हिंसा को आबाद करो न!
अपने दुख को सहना सीखो,
दुनिया से फरियाद करो न!"

.."शुभ-दिन"..चेतन रामकिशन "देव"

♥प्यार का दीप जला दें हम..♥

♥♥♥♥♥प्यार का दीप जला दें हम..♥♥♥♥♥
आओ दिल से दिल का मिलन करा दें हम ,
सारे जग को प्यार का सबक सिखा दें हम !

नहीं किसी ने नफरत से कुछ पाया कभी ,
आओ नफरत का यह महल गिरा दें हम !

भीड़ से हटकर आज अपनी पहचान बने ,
इस दुनियां को आओ स्वर्ग बना दें हम !

जिस मिटटी में यारो हमने जन्म लिया,
माथे का अब उसको तिलक बना दें हम!

“देव” झूठ का तम न व्यापक हो पाए,
घर घर प्यार का दीपक आज जला दे हम! "

चेतन रामकिशन "देव"-----------रचना संपादन-माँ प्रेमलता जी!

दिनांक-१४.०६.२०१२

♥दिल का सुकूं ♥

♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥दिल का सुकूं ♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
तुमने दिल को सुकूं दिया है, तुमने ही आराम दिया है!
तुमने ही मेरे जीवन को, चाहत का पैगाम दिया है!

कितनी भी तारीफ करूँ पर, सब तारीफें होती कम हैं!
मेरे दुःख में, मेरे दर्द में, निगाह तुम्हारी होती नम हैं!

तुमने मेरे नाम के संग में, हमदम अपना नाम दिया है!
तुमने दिल को सुकूं दिया है, तुमने ही आराम दिया है!"

..................चेतन रामकिशन "देव"....................

♥संघर्ष...♥

♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥संघर्ष...♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
सपने भी सच हो जायेंगे, तुम युक्ति संघर्ष की सीखो!
नहीं निराशा में उलझो तुम, तुम युक्ति निष्कर्ष की सीखो!

उम्मीदों के पंख लगाकर, आशाओं के दीप जलाकर!
जिस मंजिल पर जाना तुमको, उसी दिशा में कदम बढाकर!
हिम्मत को अपने मन भरके और मुश्किल से हाथ मिलाकर,
तुम्हे लक्ष्य को पाना है बस, हर पर्वत, चट्टान गिराकर!

श्रेष्ठ करो प्रदर्शन अपना, तुम युक्ति उत्कर्ष की सीखो!
सपने भी सच हो जायेंगे, तुम युक्ति संघर्ष की सीखो!"

...."शुभ-दिन"..........चेतन रामकिशन "देव".............

♥तस्वीरें..♥

♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥तस्वीरें..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
धीमे धीमे होठ हिलाकर, तस्वीरें भी बोल रही हैं!
चारों ओर फिजा में देखो, प्यार की खुश्बू घोल रही हैं!

तस्वीरें ही बीते कल की, यादों को रौशन करती हैं!
कभी ख़ुशी के झोंके देतीं, कभी आंख को नम करती हैं!

कभी किसी अनदेखे मुख के, परदे को भी खोल रही हैं!
धीमे धीमे होठ हिलाकर, तस्वीरें भी बोल रही हैं!

.................चेतन रामकिशन "देव"..................

♥पिता के साये में ..♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥पिता के साये में ..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
पिता का कद आकाश सरीखा, बच्चों को साया देता है!
पिता सदा अपने बच्चों को, प्यार भरी छाया देता है!

जो गलती होती हमसे तो, पिता सही दर्पण दिखलाते!
बन बच्चों के पथ प्रदर्शक , जीवन से लड़ना सिखलाते!

खुद रहकर के पीड़ा में भी , हर्ष की धन, माया देता है!
पिता का कद आकाश सरीखा, बच्चों को साया देता है!"

" फादर्स डे पर अपने पिता और सभी पिताओं को नमन!"

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