Sunday 27 May 2012

♥बड़े बड़े अलफ़ाज..♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥बड़े बड़े अलफ़ाज..♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
बड़े बड़े अलफ़ाज लिखेंगे, पर रखते हैं दिल वो छोटे!
कलमकार ऐसे भी देखे, जिनके मुख पे लगे मुखोटे!

लेखन होगा तभी सार्थक, पहले खुद पर अमल करें हम!
जो हम शब्दों में लिखते हैं, उन भावों को सबल करें हम!

चलो फेंक दो अपने मन से, ऐसी सोच के सिक्के खोटे !
बड़े बड़े अलफ़ाज लिखेंगे, पर रखते हैं दिल वो छोटे!"

.........."शुभ-दिन"...........चेतन रामकिशन "देव".........