Thursday 17 March 2011

♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥प्यार की दुर्दशा ♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥प्यार की दुर्दशा  ♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
"जिस लड़की का हाथ पकड़कर, पैदल चलना था सिखलाया!
जिस लड़की की आंख में काजल, और बालों में तेल लगाया!
जिस लड़की की आंख के आंसू, पिघलाते थे दिल का शीशा,
जिस लड़की के मस्तक तुमने, चन्दन रोली तिलक लगाया!

उम्र बढ़ी और किसी को हमदम, अपना अगर बना बैठी वो!
एक दूजे के दिल में आकर, सपना अगर सजा बैठी वो!
ये सुनते ही घरवालों के, विषमय करी भाव जग गए!
आँखों में लाली छाई और, हाथो में प्रभाव बन गए!

उसी हाथ से डाला फंदा, निर्ममता से जान निकाली,
माली ही दुश्मन फूलों का, कौन करेगा अब रखवाली……..


कितने सपने देखे थे, और कितने पल थे साथ बिताए!
प्यार के सारे मापदंड भी, उन दोनों ने शुद्ध बनाए!
झूठी इज्ज़त के रक्षक ने, एक नहीं पर सुनी थी उनकी,
अपनी जान बचाने को वो, तड़पे थे चीखे चिल्लाये!

मरते मरते एक दूजे के, हाथ में हाथ दबा बैठे वो!
प्यार नहीं जिस्मों का भूखा, दर्पण ये दिखला बैठे वो!
झूठी इज्ज़त के सौदागर, लेकिन नई कहानी रच गए!
शादी से था मना किया तो, ये दोनों हैं सूली चढ़ गए !

देख के दोनों की लाशों को, कुटिल कुटिल मुस्कान निकाली!
माली ही दुश्मन फूलों का, कौन करेगा अब रखवाली……..


प्यार से इतनी नफरत है तो, मंदिर मस्जिद क्यूँ जाते हो!
राम-खुदा है एक छवि के, बचपन में क्यूँ बतलाते हो!
तुमसे सीखी बात को ही गर, वो अपने जीवन में लाते,
क्यूँ लेते हो जान उन्ही की, जिनको तुम दुनिया में लाते!

सोच गलत है "देव" तुम्हारी, प्यार का अब सम्मान करो तुम!
इन्सां हो, इंसा ही रह लो, ना कोई भगवान बनो तुम!”



"प्रेम, एक शुद्ध और पवित्र सा एहसास है और जीवन का दर्शन! जाती और मजहब की आग में और झूठी इज्ज़त के लिए प्रेम की हत्या ना  करें! आइये honour killing को रोकने के लिए अपने स्तर से प्रयास करें- चेतन रामकिशन (देव)" 

























♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ plight of love ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
"The girl's hand holding, was taught to walk!
The girl's eye mascara, and hair oil put in!
The girl's eyes tear, were melted glass heart,
The girl's head you, Roli Chandan vaccinated!


Increased age and Hamdam someone, sitting in her if she made​​!
Each other here in the heart of the dream, sitting in the penalty is!
The hearing of the family, the virulent Curry awakened sense!
Dominated and redness in the eyes, hands became in effect!


Same hand put the noose, mercilessly extracted life,
The enemy of the flower gardener, who will no longer guarding…….


How many dreams were, and how many were moments spent together! 
Love too many criteria, both of them made the net! 
Guard of false prestige, not to have heard her; 
To save his life that, were dying scream screamed! 

Die die of each other, sitting hand in hand pressing it!
No love of flesh hungry, he sat mirrors that show!
Dealers false honor, but have created a new story!
If the marriage was forbidden, both the cross went up!

Of view of both bodies, extracted crooked crooked smile!
The enemy of the flower gardener, who will no longer guarding…….


If love is so hated, why Mandir Masjid go! 
Ram - an image of God, as a child is telling why! 
If the only thing you have learned, they bring into your life, 
Why do take her to life, whom you bring into the world! 

Thinking is wrong, "Dev" you love me you respect now!
're human, human being you, not a God Be You!



"love, a pure and holy ones to realize the philosophy of life! is false respect for and faithin the fire and do not love killing! Let's honour killing to try to stop their level - chetan ramkishan (Dev) "







































♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥ प्रेम ( सुनहरे पल)♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥


♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥ प्रेम ( सुनहरे पल)♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥
" जब से प्यार दिया है उसने, रिमझिम सी बरसात हुई!
 दिन में चैन मिला है मुझको, महकी महकी रात हुई!
 सुन्दर नहीं वो अतिसुन्दर है, रंग चांदनी का हो जैसा!
 अँधेरे में भी रोशन कर दे, अंग रौशनी का हो जैसा!
 होठो से वो कुछ ना बोले, लज्जा की सौगात हुई!
 आंख मिली और दिल धड़का, नैनन में ही बात हुई!

दिन में चैन मिला है मुझको, महकी महकी रात हुई..... ♥♥♥♥

काव्य ग्रंथ है, प्रेम ग्रंथ है, सूरत में भगवान हो जैसा!
पुष्प सुगन्धित, नदी की कल कल, प्रकृति का वरदान हो जैसा!
प्रेममयी है, सोम्य सरल है, नफरत पर आघात हुई!
साथ चली और दिल धड़का, नैनन में ही बात हुई!

दिन में चैन मिला है मुझको, महकी महकी रात हुई..... ♥♥♥♥

अमृत घोले, जब वो बोले, बोली में कोई गान हो जैसे!
साफ नियत की ईश वंदना, सच्चा और ईमान हो जैसे!
"देव" सी हर्षित, प्रेम प्रतिमा, जीवन का प्रभात हुई!
साथ चली और दिल धड़का, नैनन में ही बात हुई!

दिन में चैन मिला है मुझको, महकी महकी रात हुई..... ♥♥♥♥



















♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ " प्रेम ग्रंथ" ( एक अनमोल शब्दकोष )♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥


♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ " प्रेम ग्रंथ" ( एक अनमोल शब्दकोष )♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥

"तुम साथ रहो तो हम भी अपना प्रेम ग्रन्थ लिख देंगे!
 प्रेम कथा लिख देंगे, हम भी प्रेम अर्थ लिख देंगे!

हाथ पकड़ कर चलो हमारा, तन्हाई से डर लगता है!
नाम जोड़ लो साथ हमारा, रुसवाई से डर लगता है!
हम दोनों मिल जुलकर खुद प्रेम युक्त सुख देंगे!
प्रेम कथा लिख देंगे, हम भी प्रेम अर्थ लिख देंगे.. ♥♥♥♥


जीवन डगर सरल होगी, जब साथ तुम्हारा होगा!
लहरें ना खेलेंगी हमसे, पास किनारा होगा!
हम दोनों मिलकर जीवन को, विजय युक्त लिख देंगे!
प्रेम कथा लिख देंगे, हम भी प्रेम अर्थ लिख देंगे.. ♥♥♥♥

तुम समझोगी, हम समझेंगे दर्द सिमट जायेगा!
निकलेगा दिन खुशियों का, अँधेरा मिट जायेगा!
हम दोनों मिलकर इस दिन को, भय मुक्त लिख देंगे!
प्रेम कथा लिख देंगे, हम भी प्रेम अर्थ लिख देंगे.. ♥♥♥♥

प्रेम ग्रन्थ लिखना है हमको, "देव" का कलम बनो तुम!
भरकर स्याही प्रेम की , प्रेम के शब्द बनो तुम!
हम दोनों मिलकर के , फिर से नया जन्म लिख देंगे!
प्रेम कथा लिख देंगे, हम भी प्रेम अर्थ लिख देंगे.. ♥♥♥♥



" प्रेम ग्रंथ, तो आइये हम भी किसी के प्रेम ग्रंथ की रचना के सूत्रधार ,प्रेरणास्रोत और सहयोगी बनें!       क्यूंकि प्रेम ग्रंथ अनमोल होता


--------------------------------------------♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥प्रेम ( एक अविरल धारा)-------------


--------------------------------------------♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥♥प्रेम ( एक अविरल धारा)-------------
" प्रेम धरा है, प्रेम गगन है, प्रेम नयी अभिलाषा है!
  प्रेम मिलन है, प्रेम विरह है, प्रेम मधुर सी भाषा है!

प्रेम है सोहनी, प्रेम जुलिएट, प्रेम अतीत की गाथा है!
प्रेम है लैला, प्रेम है मंजनु , प्रेम किशन और राधा है!

प्रेम है पूजा, ईश वंदना, जन्नत का दरवाजा है!
प्रेम आस्था, प्रेम समर्पण, प्रेम मधुर परिभाषा है!

प्रेम हर्ष है, प्रेम क्रोध है, अश्रु भी प्रेम बहाता है!
प्रेम है चन्दन, प्रेम ताजगी,  प्रेम विजय की आशा है!

प्रेम चांदनी, प्रेम घटा है, इन्द्रधनुष सा छाता है!
प्रेम ना सीमा, "देव"ना बंदिश, प्रेम तो बस बिन बाधा है!




"सच है कि प्रेम में दिल टूटते हैं, लेकिन प्रेम का सिद्धांत दिल तोड़ना नहीं सिखाता!  वो तो लोग होते हैं जो अपने स्वार्थ के लिए प्रेम कि हत्या कर देते हैं! तो आओ प्रेम कि प्रगति  के लिए प्रेम करें!---चेतन रामकिशन (देव)"